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जिले के बारे में

सामान्य जानकारी-

जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है। 15 अगस्त 2003 को अनूपपुर जिले को शहडोल जिले से प्रथक कर गठन किया गया है। नवगठित अनूपपुर जिले का कुल क्षेत्रफल 3746.71 वर्ग कि.मी. है, जो कि राज्य का 1.2 प्रतिषत है। जिले के पूर्व में छत्तीसगढ राज्य का कोरिया, दक्षिण में डिंडौरी एवं छत्तीसगढ राज्य का बिलासपुर तथा उत्तर एवं पष्चिम में शहडोल जिला स्थित है। यह जिला 23.10 उत्तरी अक्षांश से 35.36 उत्तरी अक्षांश तक तथा 41.40 से 82.10 तक पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है।

भौगोलिक संरचना-

भौगोलिक दृष्टि से यह जिला पर्वत श्रेणियों एवं नदियों से आक्षादित है। जिसे तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। 1. पर्वत श्रेणियों का भाग 2. मध्यवर्तीय पठारी भाग 3. नदियों का भाग । जिले में पावन सलिल नर्मदा एवं सोन का उदगम स्थल अमरकंटक इसी जिले में है। जुहिला केवई एवं तिपान प्रमुख नदियां एवं इसके अतिरिक्त कई सहायक नदियां जिले को हरा-भरा बनाये हुये है। जिले में मैकाल पर्वत की श्रेणियां दक्षिण से पूर्व तक फैली हुई हैं।

राजनैतिक संरचना-

15 अगस्त 2003 से अनूपपुर जिला अस्तित्व में आया। यह जिला 04 राजस्व अनुविभाग 04 तहसीलें, 04 जनपद पंचायतें, एवं 282 ग्राम पंचायतों से विभाजित है। जिले में 04 नगरपालिका एवं 02 नगरपंचायतें हैं। जिले के कुल क्षेत्रफल का 20.40 प्रतिशत भाग वनों से अच्छादित है।

जलवायु तथा वर्षा-

जिले की जलवायु समशीतोष्ण हैं। यहां वर्षा माह जून से अक्टूबर तक होती है। जून का महिना सबसे गर्म तथा जनवरी का तापमान सबसे कम तापमान वाला रहता है। जिले का अधिकतम तापमान 46 डिग्री.से. एवं न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री से. तक पहुंच जाता है। जिले में औसत वार्षिक वर्षा वर्ष 2012-13 में 1264.00 मि.मी. वर्षा, वर्ष 2013-14 में 1186.80 मि.मी. एवं वर्ष 2014-2015 में 1017.62 मि.मी. 2015-16 में 705.9 2016-17 में 1306.50 मि.मी. वर्षा हुई है।

जनसंख्या-

नवगठित जिला अनूपपुर की जनगणना 1991 के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 550865 थी। जिसमें 40813 अनुसूचित जाति एवं 267694 अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या थी। इस प्रकार से यह जिला आदिवासी प्रधान जिला है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या बढकर 667155 हो गई। जिसमें 340204 पुरूष एवं 326951 महिलायें थी। अब वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 749237 है। जिसमें 379114 पुरूष एवं 370123 महिलायें हैं। कुल जनसंख्या में से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 74385 एवं अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या 358543 है। जिले की जनसंकख्या की वृद्धि दर जनगणना 2001 में 21.22 थी। जनगणना 2011 में जनसंख्या की वृद्धि दर 21.22 से घटकर 12.30 हो गई है। पूर्व वर्षों की तुलना में 2011 में जनसंख्या की वृद्धि दर में कमी आई है। जिले का जनसंख्या का घनत्व 200 प्रति वर्ग कि.मी. है।

स्त्री-पुरूष अनुपात-

स्त्री-पुरूष अनुपात प्रति हजार पुरूष पर महिलाओं की संख्या कम है। जिले में हमेशा स्त्री-पुरूष अनुपात महिलाओं के लिये राज्य के अन्य जिलों की तरह प्रतिकूल रहा है। 1991 की जनगणना में स्त्री-पुरूष अनुपात 912 से बढकर 920 हो गया था। इसी प्रकार जनगणना 2011 में स्त्री-पुरूष अनुपात 920 से बढकर 961 हो गया । अब जनगणना 2011 में 961 से बढकर स्त्री-पुरूष अनुपात 976 हो गया है।

साक्षरता-

जिले में शिक्षा के क्षेत्र में जनगणना 1951 से 2001 तक की अवधि की दरमियान साक्षरता की जो वृद्धि दर रही है। उससे अधिक वृद्धि दर 2001 से 2011 के दशक में हुई है। वर्तमान में जनगणना 2011 के अनुसार जिले की साक्षरता का दर 67.90 है। जिसमें पुरूष 78.30 एवं महिलायें 57.30 प्रतिशत साक्षर हैं। जबकी 1991 में जिले का साक्षरता दर 35.45 प्रतिशत था। एवं 2001 में जिले का साक्षरता दर 60.22 था। जिले में पढना-बढना शिक्षा मिशन एवं शासन की विभिन्न योजनाओं के द्वारा की शिक्षा का काफी विस्तार हुआ है। लगभग 97 प्रतिशत ग्रामों में प्राथमिक शालाओं की सुविधा उपलब्ध है।
नवगठित जिला अनूपपुर में इस समय 1161 प्राथमिक पाठशालायें, 392 माध्यमिक शालायें , 65 हाई स्कूल, 55 हायर सेकेण्ड्री, 01 विश्वविद्यालय, 05 महाविद्यालय, 04 व्यवसायिक शिक्षा केन्द्र एवं 04 औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र एवं 01 पॉलिटेक्निक कॉलेज संचालित है।

फसलें-

धान, कोदो, कुटकी , मक्का जिले की प्रमुख फसलें हैं। अब गेंहू की फसल बोई जाने लगी है। दलहन में उडद, अरहर, मसूर एवं चना प्रमुख है। तिलहन में तिल राई, रमतिला एवं मूंगफली है। विकास की गति के साथ-साथ अब सूर्यमूखी एवं सोयाबीन की खेती की जाने लगी है। जिले में धान की खेती गेंहू की अपेक्षा अधिक की जाती है।

सिंचाई सुविधायें-

भौगोलिक दृष्टि से यह जिला पर्वतीय होने के कारण सिंचाई सुविधाओं का बहुत ही कम विस्तार किया जा सका है। जिले में बोई गई फसल का 2.26 प्रतिशत भाग ही अब तक सिंचित हो सका है। जिले में सिंचाई के साधन नहरें, तालाब, एवं छोटी सिंचाई सुविधायें कुएं के रूप में हैं।

वन-

जिले का 20.40 प्रतिशत भाग वनों से अच्छादित है। मुख्य वृक्ष साल, आंवला, सागौन, सरई, बबूल, सीसम, आदि हैं।

उद्योग-

जिला उद्योग केन्द्र, खादी ग्रामोद्योग एवं ग्रामीण विकास के कार्यक्रम अन्तर्गत जिले में वर्ष 2008-09 में 99 छोटे लघु उद्योग स्थापित किये गये हैं। जैसे पालीथिन, बांस, टोकरी निर्माण आदि छोटे-छोटे लघु उद्योग स्थापित किये गये हैं। वर्ष, 2012-13 में 201 एवं 2013-14 में 201 एवं 2014-2015 में 202,एवं 2015-16 में 697, 2016-17 में 87 लघु उद्योगों का सृजन हुआ है।

विद्युत-

जिला अनूपपुर में 569 विद्युतीकृत ग्राम हैं। विद्युत उत्पादन के लिये जिले के चचाई में अमरकंटक नामक विद्युत संयत्र स्थापित है। जिले के कुल ग्रामों में से 99.64 प्रतिषत ग्रामो का विद्युतीकरण किया जा चुका है। शेष बचे हुये ग्रामों को भी विद्युतीकृत करने की कार्यवाही की जा रही है। जिले में अभी तक 3101 पंपसेटों का उर्जीकरण एवं 30486 एक बत्ती कनेक्शन भी प्रदाय किये जा चुके हैं।

यातायात-

यातायात की दृष्टि से जिले में सडक यातायात अधिक है। जिसमें लगभग प्रथम श्रेणी की 1658 कि.मी., द्वितीय श्रेणी की 854.24 कि.मी. एवं तृतीय श्रेणी की 278.23 कि.मी. सडकों की लम्बाई है। सडकों की लम्बाई में प्रथक हुये शहडोल जिले की सडकों की लम्बाई भी सम्मिलित है। जिले में रेल्वे यातायात की सुविधा भी उपलब्ध है। जिले में अमलाई, अनूपपुर, जैतहरी, व्यंकटनगर, कोतमा, बिजुरी मुख्य रेल्वे स्टेशन हैं।

वित्तीय संस्थायें-

कृषि कार्य के अलावा अन्य प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु जिले में व्यवसायिक राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखायें इस प्रकार हैं। 1. भारतीय स्टेट बैंक की शाखायें -11, 2. सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया-12, 3. इलाहाबाद बैंक – 02, 4. बैंक आफ इण्डिया – 01 , 5. केनरा बैंक – 01, 6. यूनियन बैंक आफ इण्डिया – 01, 7. पंजाब नेषनल बैंक – 01, 8. बैंक आफ बडौदा-01, 9. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक -13 , 10. जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक- 05, 11. जिला सहकारी एवं कृषि ग्रामीण बैंक-01 , संचालित हैं। जिले में इन बैंकों के माध्यम से कृषकों एवं बेरोजगारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाकर स्वरोेजगार उपलब्ध कराने में सहयोग प्रदान किया जाता है।

लोक स्वास्थ्य-

चिकित्सा सुविधा की दृष्टि से जिले में एलोपैथिक चिकित्सालय एवं औषधालय 19, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 16, उपस्वास्थ्य केन्द्र 175, आयुर्वेदिक-होम्योपैथिक औषधालय 12 स्थापित हैं।

अन्य सुविधायें-

जिले में 15 पशु चिकित्सालय, 24 पशु औषधालय स्थापित हैं। जिनके द्वारा वर्ष 2015-16 में 129062 पशुओं का उपचार एवं 28046 पशुओं का कृतिम गर्भाधारण कराया गया है। जिले में 9 आरक्षी केन्द्र, 2 आरक्षी अनुविभाग कार्यरत है। गांव में स्वाच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 99 प्रतिषत हैंण्डपंप की सुविधा प्रदान की जा चुकी है। जिल में जनता को उचित मूल्य पर खाघान्न की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 312 उचित मूल्य की दुकनें सहकारी एवं खाद्य संस्थाओं के माध्यम से संचालित हैं जहां से चावल, गेंहू, शक्कर, केरोसीन का वितरण कराया जाता है। जिले में अनूपपुर, कोतमा, अमरकंटक,बिजुरी, जैतहरी एवं पसान प्रमुख नगर हैं।

दर्शनीय स्थल-

अमरकंटक में नर्मदा सोन एवं जुहिला नदियों का उदगम स्थान है। जहां नर्मदा मंदिर, सोनमुडा, कपिलधारा, दूधधारा एवं माई की बगिया आदि दर्शनीय स्थल हैं।